मप्र का बजट बनाने में अर्थशास्त्री और बैंक विशेषज्ञों की मदद लेगी सरकार
भोपाल । आर्थिक तंगी का सामना कर रही मप्र की कमलनाथ सरकार इस बार अर्थशास्त्रियों के अलावा बैंक के विशेषज्ञों की मदद लेने जा रही है। इसके पीछे बड़ी वजह है केन्द्र से मिलने वाली राशि में हुई कटौती । जिन लोगों की मदद लेने की तैयारी की गई है उसमें नाबार्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्तर के अर्थशास्त्री, आर्थिक विशेषज्ञ और बैंक क्षेत्र के जानकार शामिल हैं। यह विशेषज्ञ आल्टरनेट फाइनेंस मैकेनिज्म (एएफएम) थीम पर सुझाव देंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य के बजट में 14 हजार करोड़ से अधिक की कटौती करके मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इस कटौती से प्रदेश की कई बड़ी योजनाओं पर संकट खड़ा हो सकता है। यही नहीं नई योजनाओं के लिए भी पैसे का संकट आना तय है। इससे उबरने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ 18 फरवरी को भोपाल में राष्ट्रीय मंथन करने जा रहे हैं। इस मंथन में नाबार्ड के अध्यक्ष को बुलाया जा रहा है। बैंकिंग क्षेत्र के बड़े जानकारों और राष्ट्रीय स्तर पर बजट तैयार कराने में भूमिका निभाने वाले आर्थिक विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भी बुलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री खुद वर्कशाप में पूरे दिन शामिल हो सकते हैं।
क्या है एएफएम
मुख्यमंत्री आल्टरनेट फाइनेंस मैकेनिज्म थीम पर राज्य का बजट तैयार कराएंगे। इसमें उन योजनाओं को जारी रखने के उपाय बताए जाएंगे, जिनमें अधिक राशि की जरूरत है। जैसे कि किसान ऋण मुक्ति, युवा स्वाभिमान, मनरेगा, पेंशन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना आदि। विशेषज्ञ बताएंगे कि योजनाओं के लिए राशि किन स्त्रोत से जुटाई जाएगी। राजस्व बढ़ाने के भी टिप्स दिए जाएंगे।
कितना होगा राज्य का बजट
सरकार दो बिन्दुओं पर मंथन करेगी कि राज्य का बजट पिछले साल के 2.33 लाख करोड़ से कम किया जाए या केन्द्र सरकार को जवाब देने के लिए इससे अधिक का बजट बने। अधिक बजट बना तो पांच फीसदी अधिक होगा और कम किया गया तो 2.10 लाख करोड़ तक आ सकता है।