ककनमठ-बटेश्वर के मंदिर संवार सकता है इन्फोसिस; पुरातत्वविद केके मोहम्मद को लेकर ग्वालियर आईं सुधा मूर्ति, लिया जायजा
ग्वालियर। इंफोसिस कर्नाटक की तर्ज पर ग्वालियर के नजदीक स्थित बटेश्वर और ककनमठ के मंदिरों को संवार सकता है। इसकी संभावनाओं को तलाशने के लिए गुरुवार को इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सेवानिवृत्त रीजनल डायरेक्टर केके मोहम्मद को लेकर बटेश्वर और सिहोनिया पहुंचीं।
उन्हें ककनमठ मंदिर में यह देखकर हैरानी हुई कि 115 फीट ऊंचा मंदिर बिना किसी सहारे के खड़ा हुआ है। देश में इंफोसिस संस्थान का फाउंडेशन शिक्षा, कला और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहा है। फाउंडेशन ने ऐसे मंदिरों पर काम किया है, जो ऐतिहासिक विरासत हैं, लेकिन उनके संरक्षण पर सरकार पैसा खर्च नहीं कर पा रही है।
20 करोड़ रुपए की जरूरत
पुरातत्वविद केके मोहम्मद का कहना है कि दोनों साइट पर काम के लिए 20 करोड़ रुपए की जरूरत है। 115 फीट ऊंचे ककनमठ के मंदिर को संवारने में रिस्क ज्यादा है। क्योंकि पूरा मंदिर पत्थरों के ऊपर ही खड़ा हुआ है। इसमें कहीं भी ईंट-गारे का उपयोग नहीं है।
8वीं-10वीं सदी के हैं मंदिर
बटेश्वर मंदिर गुर्जर-प्रतिहार राजाओं ने 8वीं-10वीं सदी में बनवाए थे। समूह में 200 मंदिर हैं। इनमें से 95 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुन: खड़ा कर दिया है। जबकि 56 जर्जर हैं। ककनमठ मंदिर 9-10 वीं सदी का है।