अब कुटुंब पर आरएसएस का फोकस
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कुटुंब पर जोर देते हुए संघ और भाजपा के नेताओं से कहा कि संस्कारों के जरिए अनुशासित समाज का निर्माण किया जाए। मध्यक्षेत्र के सभी प्रान्तों में नगर स्तर पर कुटुंब प्रबोधन के कार्य शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत विविध संगठनों में काम करने वाली महिलाओं के बीच समन्वय, दंपत्ति कार्यकर्ताओं के माध्यम से भारतीय मूल्यों से युक्त आदर्श परिवारों के निर्माण के प्रयास किये जा रहे हैं। एक आदर्श परिवार कैसा हो? विषय पर कार्यकर्ताओं द्वारा उनके समाज में प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। भागवत ने भाजपा और संघ के नेताओं से व्यक्तिगत जीवन को उदाहारण बनाकर सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि संगठन को परिवार की तरह विकसित करें और संस्कारों के जरिए अनुशासित समाज का निर्माण करें।
भागवत भोपाल के शारदा बिहार स्कूल में भाजपा और संघ से जुड़े अलग-अलग संगठनों और वरिष्ठ नेताओं से संगठन के विस्तार सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। बैठक में मध्यप्रदेश से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष प्रभात झा, संगठन महामंत्री सुहाष भगत, सांसद अजय प्रताप सिंह व छाीसगढ़ से सरोज पांडे व रामविचार नेताम सहित तमाम नेताओं ने हिस्सा लिया है।
सभी संगठनों से ली रिपोर्ट
भागवत ने पहले एक-एक योजनाओं के बारे में चर्चा की और पूछा कि भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों और संघ के अलग-अलग संगठनों ने क्या-क्या किया है। उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून, स्वच्छता अभियान, ग्रामीण विकास, कुटुंब जोड़ो अभियान, गौवंश बढ़ाने, गौवंश का सुरक्षित पालन-पोषण करने, तीन तलाक और धारा 370 हटाने से लेकर अयोध्या राममंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट तक की चर्चा नेताओं से की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की जनहितैषी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है।
समाज के सामने उदाहरण पेश करें नेता
भागवत ने सामाजिक जीवन मूल्यों को स्थापित कर एक सादगी एवं सुचिता से जातिगत विषमता समाप्त कर सामाजिक समरसता युक्त समाज का निर्माण करने की संघ की योजना पर भी चर्चा की है। अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा भी की है। भागवत ने नेताओं से कहा कि संघ संस्कारों से युक्त परिवारों के माध्यम से समाज व्यवस्था का परिवर्तन कर भारतीय मूल्यों वाले अनुशासित समाज का निर्माण करने में अपना योगदान दें। वर्ष 2019 में ग्वालियर में आयोजित संघ की सर्वोच्च बैठक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भी कुटुंब प्रबोधन पर प्रतिवेदन पारित किया गया था। इस प्रतिवेदन में भारतीय पारिवार व्यवस्था के संरक्षण एवं विकास पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता बताई गई थी।