680 अतिथि विद्वानों को कॉलेज आवंटित

680 अतिथि विद्वानों को कॉलेज आवंटित


सिर्फ पांच महीने के लिए नियुक्ति





भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने आखिरकार सरकारी कॉलेजों से निकाले गए अतिथि विद्वानों को कॉलेजों का आवंटन कर दिया है। अब कॉलेज के प्राचार्य अतिथि विद्वानों को पदभार ग्रहण कराएंगे। यह नियुक्ति सिर्फ अगले पांच महीने के लिए की गई है। हालांकि अतिथि विद्वानों का कहना है कि कॉलेजों से करीब ढाई हजार अतिथि विद्वान निकाले गए थे, जबकि दोबारा नियुक्ति सिर्फ 680 अतिथि विद्वानों को दी गई है। प्रदेश सरकार आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों को तोड़ने की साजिश कर रही है।


अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने बताया कि लोक सेवा आयोग के जरिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदभार संभालने पर करीब ढाई हजार अतिथि विद्वानों को कॉलेज से निकाल दिया गया था। कॉलेज से निकाले गए अतिथि विद्वान पिछले करीब दो महीने से राजधानी के शाहजहांनी पार्क में धरना दे रहे हैं।


जब अतिथि विद्वानों के धरने को बड़े स्तर पर समर्थन मिलने लगा और धरना सफल होने लगा तो सरकार ने इसे तोड़ने के मकसद से दोबारा नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की। कॉलेजों से निकाले गए करीब ढाई हजार अतिथि विद्वान और दोबारा नियुक्ति सिर्फ 680 को दी गई है। शेष अतिथि विद्वान अब भी बेरोजगार हैं। उनके सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है।


प्रतिदिन पांच घंटे उपस्थित रहना अनिवार्य


680 अतिथि विद्वानों को नियुक्ति देने के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों की सेवा शर्तें भी जारी कर दी हैं। इसके तहत अतिथि विद्वानों को प्रतिदिन 5 घंटे की सेवा कॉलेज में देना अनिवार्य होगा। जबकि प्रति सप्ताह 40 घंटे कॉलेज में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।


अतिथि विद्वानों की नियुक्ति सिर्फ पांच महीने के लिए की जा रही है। इसके अनुसार अतिथि विद्वानों की नियुक्ति इस साल 30 जून तक के लिए है। उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी कॉलेज में पद खाली नहीं होने के बावजूद अतिथि विद्वानों की नियुक्ति हो गई है तो उन्हें सेवा में नहीं रखा जाएगा।